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Saturday, October 24, 2009

Thursday, October 22, 2009

ye garebe jo na karwaaye wahe acha hai

आज अगर हम सर उठा के चारो ऊर देखते है तो हमे केवल गरबे की ही चतदिखाए देती है क्या हम जरा कभे ये सोचते है की इस गरीबे के चलतइ इस दिवाली में जब हमने हजारो रुपये के पटाके जला के नष्ट केर दिए तो एक तरफ न जाने कितनो के घर  में चूल्हा तक नाहे जला होगा क्या यह हमारा कर्तव्य नहीं है की पाठको की जगह हम उनके घर में चूल्हा जलवाए अगर  आज हमने अपने देश के प्रति जागरूक होकर कदम नहीं उठाये तो हम खुद ही सोच सकते है की कल को हमारा देश किस दिशा की ऊर अग्रसर है
   इस लिए मेरे प्रिय दोस्तों आज के इस चोटे से तथ्य को समझने की कोसिस करिये सायद  अगले साल हम में से कोई किसी ग़रेब परिवार में एक चिराग दिखाकर अपना औरअपने देश के प्रति कर्तव्य का जागरूक होकर पालन केरे .




धन्यवाद्द   आपका अपना साथी...................................................................................

Friday, October 16, 2009

मेरा नाम अभिषेक पाण्डेय है, आज ये मेरा पहला प्रयास है ब्लॉग की दुनिया में पहचान बनाने की..

देखते रहिये मेरा ब्लॉग. यहाँ काफी कुछ नया होने वाला है...