हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई आपस में सब भाई-भाई !!!!!
ये मात्र एक कहावत ही रह गए है धर्म के नाम पर बगावत पर उटर आये है लोग इसका जीता जागता ऊदहरण आप हाल में ही हुए दंगे देख सकते है न जाने कितने मासूमो कि जान चली गयी न जाने कितनो के तो घर ही फूक डाले उन धर्म का चोला पहने हुए आतेंक्वादियो ने! हा मेरा कहना एक दम सही है कि वे मुस्लिम इन्सान नहीं है जो ये सब हडकते कर रहे है उनका मकसद कुछ और है और सायद वे पक्के मुस्लिम नहीं पक्के ढोंगी है क्यूंकि उनके कुरान में तो ऐसा नहीं लिखा है कि किसी पर भी बेवजह अत्याचार करो !
दोस्तों अगर आप एक नजर उस मंजर पर डालेंगे जो उस वक़्त बरेली कि गलियों में था तब आपको हकीकत का पता चलेगा मैंने तो जैसे ही देखा कि यह सब कुछ हुआ है मैं अपना आपा ही खो बैठा ! इतनी बेहरहमी से लोगो को मारा पीटा जा रहा था जैसे कोई इंसानियत नाम कि चीज रह ही नहीं गयी है यहाँ तक कि लोगो को उनके घर के भीटर ही जिन्दा जला दिया गया !!! जहा तक मेरे सोच है आज जो कुछ हो रहा है कुछ सही नहीं हो रहा है क्यूंकि अगर ऐसा ही रहा तो जो गलती हमने पहले कि थी वही गलती पुनेह कर बैठेंगे और साप को सर पर बिठा कर दूध पिलाते रहेंगे वो भी ४० रूपये किलो सक्क्कर के साथ! अगर हमने उस समय इन लोगो को सर छिपाने कि जगह न दी होती तो सायद आज यह दिन देखने को नहीं मिलता !!!! आज जितना पाकिस्तानी पाकिस्तान में नहीं है उससे जादा हिंदुस्तान में है लेकिन हमने कभी उन्हें इसका आभाष नहीं होने दिया इस लिए आतंकवादियों को यह नहीं भूलना चहिये कि अगर हिंदुस्तान में रहने वाले हिन्दुस्तानियों ने अपने अपने घर से केवल १-१ लोटा जल फेक दिया तो उनका अस्तित्वा समाप्त हो जायेगा इस बात को कदापि न भूले !!!!!१
इस लिए दोस्तों मेरे कहने का मतलब मात्र इतना है कि मुस्लिम के पेट में भे अगर बच्चा है तो वो समय आने पर एक हो जाते है इस लिए कमी है तो केवल संगठन कि और हमे हर एक हिन्दुस्तानी को साथ मिल जुल कर इनके खिलाफ कोई सकत कदम उठाना पड़ेगा वेरना ये हमारा जीना हमारे मुल्क में ही दूभर के देंगे !!!!
इस लिए संगठन में शक्ति होती है इस बात को न भूले और अपने कर्तव्यों का पालन करते हुए घर से निकले और इनका डट कर सामना करे अन्यथा निष्कर्ष यही होगा कल को बरेली में हिंसा हुई है अगली बारी हमारी ही किसी अन्य सहर कि होगी इस लिए आइये हर जगह फैले इस कोढ़ को जड़ से समाप्त करने कि कसम खाए और हिन्दू है हिंदुत्व अपनाये !!!!!
मैं अपनी वाडी को यही विराम दूंगा " जय हिंद जय भारत "
धन्यवाद !!
Monday, March 22, 2010
Saturday, October 24, 2009
Thursday, October 22, 2009
ye garebe jo na karwaaye wahe acha hai
आज अगर हम सर उठा के चारो ऊर देखते है तो हमे केवल गरबे की ही चतदिखाए देती है क्या हम जरा कभे ये सोचते है की इस गरीबे के चलतइ इस दिवाली में जब हमने हजारो रुपये के पटाके जला के नष्ट केर दिए तो एक तरफ न जाने कितनो के घर में चूल्हा तक नाहे जला होगा क्या यह हमारा कर्तव्य नहीं है की पाठको की जगह हम उनके घर में चूल्हा जलवाए अगर आज हमने अपने देश के प्रति जागरूक होकर कदम नहीं उठाये तो हम खुद ही सोच सकते है की कल को हमारा देश किस दिशा की ऊर अग्रसर है
इस लिए मेरे प्रिय दोस्तों आज के इस चोटे से तथ्य को समझने की कोसिस करिये सायद अगले साल हम में से कोई किसी ग़रेब परिवार में एक चिराग दिखाकर अपना औरअपने देश के प्रति कर्तव्य का जागरूक होकर पालन केरे .
धन्यवाद्द आपका अपना साथी...................................................................................
इस लिए मेरे प्रिय दोस्तों आज के इस चोटे से तथ्य को समझने की कोसिस करिये सायद अगले साल हम में से कोई किसी ग़रेब परिवार में एक चिराग दिखाकर अपना औरअपने देश के प्रति कर्तव्य का जागरूक होकर पालन केरे .
धन्यवाद्द आपका अपना साथी...................................................................................
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